Astrology

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बुध ग्रह का राशि परिवर्तन

07 जुलाई को बुध मिथुन राशि में गोचर करेंगे। बुध का गोचर सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर होगा और यह इस राशि में 25 जुलाई तक रहेंगे। मिथुन राशि में पहले से ही सूर्य विराजमान हैं। बुध और सूर्य का बुधादित्य योग बनेगा। इस शुभ संयोग से कुछ राशि वालों को करियर में तरक्की, …

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ज्योतिष और कोविड 19

बहुत से लोगो के मन में जो ज्योतिष शास्त्र में विश्वास रखते है, ये जिज्ञासा है की क्या ज्योतिष शास्त्र किस तरह से कोविड १९ के इस दौर में सहायक सिद्ध हो सकता है ? मेरे मतानुसार जिस तरह से ज्योतिष किसी भी व्यक्ति विशेष के जीवन में आने वाली किसी भी बीमारियों के बारे …

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शनिश्चरी अमावस्या

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की उदया तिथि अमावस्या और दिन शनिवार है। अमावस्या तिथि 13 मार्च को दोपहर 3 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। उसके बाद फाल्गुन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। शास्त्रों में शनिश्चरी अमावस्या का बड़ा ही महत्व है। इस दिन पितरों की पूजा के साथ ही शनिदेव की पूजा का विशेष रूप …

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मंगल का वृषभ राशि में गोचर (22 फरवरी – 14 अप्रैल)

1. मेष राशिवालों का आर्थिक पक्ष मजबूत होगामंगल के राशि परिवर्तन से मेष (Aries) राशिवालों के जो काम अब तक रुके हुए थे वो जल्दी पूरे हो जाएंगे, नए अवसर मिलेंगे जिससे करियर में ग्रोथ होगा और आर्थिक पक्ष भी मजबूत होगा. लेकिन अपने गुस्से और वाणी पर नियंत्रण रखें, पारिवारिक कल से मानसिक अशांति …

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क्यों घोड़े की नाल बदल सकती है आपकी किस्मत का हाल

शनि देव को न्याय का देवता माना गया है, लेकिन कभी-कभी शनि की कुदृष्टि इंसानी जीवन को और जटिल बना देती है। यही वजह है कि लगभग सभी लोग शनि की साढ़ेसाती और उसकी ढैया से भयभीत रहते हैं। शनि देव को प्रसन्न कर, उनकी कृपा प्राप्त करने का उपाय भी ज्योतिष शास्त्र में मौजूद …

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भाग्यवर्द्धक रत्न मोती

यह रत्न चंद्र ग्रह का रत्न है। इसे चंद्र ग्रह की अनुकूलता के लिए धारण किया जाता है। इस रत्न को विशेष रूप से कर्क राशि, कर्क लग्न वाले व्यक्ति तथा इसके अतिरिक्त हि, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो नाम अक्षर वाले व्यक्ति भी धारण करते हैं। इसे धारण करने से मानसिक …

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भाग्यवर्द्धक रत्न माणिक

यह रत्न सूर्य ग्रह का रत्न माना जाता है। सूर्य ग्रह की अनुकूलता के लिए इसे धारण किया जाता है। इस रत्न को विषेष रूप से सिंह लग्न एवं सिंह राशि वाले व्यक्ति धारण कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त मा, मी, मू मे, मो, टा, टी, टू, टे नाम अक्षर वाले व्यक्ति भी पहन सकते …

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ज्योतिष शास्त्र में सूर्य

भारतीय ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। सूर्य से सम्बन्धित नक्षत्र कृतिका उत्तराषाढा और उत्तराफ़ाल्गुनी हैं। यह भचक्र की पांचवीं राशि सिंह का स्वामी है। सूर्य का अयन ६ माह का होता है। ६ माह यह दक्षिणायन यानी भूमध्य रेखा के दक्षिण में मकर वृत पर रहता है, और ६ माह …

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Destiny, Karma and Astrology

A person’s luck is determined by his/her karma from previous lives and his behaviour in the present life is also governed by his previous karma. Happiness-sadness, being rich or poor, anger, pride, etc. — all these qualities that we have are determined beforehand only. An ordinary man cannot change his destiny. It is very difficult …

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