ज्योतिष और कोविड 19

बहुत से लोगो के मन में जो ज्योतिष शास्त्र में विश्वास रखते है, ये जिज्ञासा है की क्या ज्योतिष शास्त्र किस तरह से कोविड १९ के इस दौर में सहायक सिद्ध हो सकता है ? मेरे मतानुसार जिस तरह से ज्योतिष किसी भी व्यक्ति विशेष के जीवन में आने वाली किसी भी बीमारियों के बारे में संकेत देता है, कोविड १९ को भी एक असामान्य बीमारी मानकर, देश काल और परिस्थिति को देखते हुए इसके होने की संभावना के बारे में संकेत दे सकता है।

कोरोना में ज्योतिष की भविष्यवाणी : कब तक बरतें कितनी सावधानी - corona virus  covid 19 astrology prediction in how long to take care moon sun

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी सूर्य जल तत्वीय राशी से अग्नि तत्वीय राशी में प्रवेश करते है तब मौसमी बीमारियों का प्रभाव मनुष्यों पर अधिक हो जाता है , इस दौरान आम तौर पर मौसमी सर्दी खांसी बुखार लोगो में होते देखा जाता है। इस तरह की स्थिति निर्मित होती हैं जब भी सूर्य का गोचर मेष राशि, सिंह राशि और धनु राशि जो की अग्नि तत्व की राशियां हैं, इनपे होता है। इस दौरान लोगो को विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता होती हैं। मलेरिया , डेंगू , चिकन गुनिया आदि बीमारियों का प्रकोप भी इस दौरान ज्यादा देखा गया हैं क्यों ये भी उन लोगो को पर विशेष असर किया जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती हैं। कोरोना वायरस की प्रवृत्ति भी कुछ ऐसी ही हैं, लेकिन ये ज्यादा घातक हैं।

14 मार्च को सूर्य मीन राशि में प्रवेश किये जो की एक जल तत्वीय राशि है, और सूर्य अग्नि तत्त्व प्रधान गृह हैं। ये गोचर सर्द गर्म प्रवृत्ति निर्मित करता हैं जिसके फल स्वरुप लोग बीमारियों की चपेट में आते हैं। संभवतः इसी दौरान कोविड के मामले इस वर्ष बढ़े और जैसे ही सूर्य मेष में प्रवेश किये १५ अप्रैल को स्तिथियाँ और भयावह हो गई जिसे कोविड की दूसरी लहर के रूप में देखा जा रहा हैं । इसका एक कारण लोगो की लापरवाही भी हैं , क्यूंकि जब प्रकृति में संक्रमण फैला था और इस दौरान हमारे शरीर की रोगो से लड़ने की क्षमता भी काम हो जाती हैं, हमें विशेष सावधानियां रखने की आवश्यकता थी , लेकिन ऐसा नहीं हुआ और आज अनेको लोग रोग ग्रसित हैं और ये रोग अनेको लोगो की मौत का कारण भी बन रहा हैं।

अब जब १५ मई के आस पास जब सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे तो स्थितियां हो सकता हैं बेहतर होने शुरू हो जाएं लेकिन अगर लापरवाही रही तो १५ जुलाई के आसपास से कोविड की तीसरी लहर के आने की संभावनाएं तीव्र हो जाएंगी जो की अगस्त – सितम्बर तक प्रभावशील रह सकती हैं। सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं और आगे भी करेगी लेकिन हम लोगो को भी अपना दायित्व निभाना होगा, स्वयं को बचा के रखना होगा , जो सावधानियां बताई गई हैं उन्हें बरतना होगा , जीवन अमूल्य हैं जो की एक बार ही मिलता हैं , इसीलिए अपने लिए और अपनों के लिए लापरवाही बिलकुल न करें और दूसरों को करने से भी रोकें। जब तक इसका पुख्ता इलाज़ नहीं आ जाता ये समय – समय पर अपना रंग दिखाता रहेगा, इससे बचाव करना ही हमारे हाँथ में हैं।

कोई भी ज्योतिषीय तर्क अब तक इस बीमारी के खत्म की अवधि के बारे में सही साबित नहीं हुआ लेकिन कुछ ज्योतिषीय सूत्रों की सहायता से हम ये जान सकते है की क्या हम इस बीमारी की चपेट में आ सकते है। सर्व प्रथम ये ज्ञात करने की कोशिश करे की क्या आपको मारकेश की दशा – अन्तर्दशा है ? यदि है तो आप पूरी सावधानी बरतें क्यूंकि आप एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं । फिर ये देखे की षष्ठेश, अष्टमेश की स्थिति गोचर में आपके लिए कैसी है, क्या इनकी दशा या अन्तर्दशा चल रही है, अगर नहीं तो जिस गृह की दशा चल रही है उससे इनका कैसा सम्बन्ध है। विपरीत प्रभाव होने से आपको बीमारी होने की प्रबल संभावनाएं होंगी अतः सावधान रहे और लक्षणों को अनदेखा न करें। वायरस का कारक केतु को माना जाता है, इसीलिए इसका वर्त्तमान में आप पर क्या प्रभाव है इसे इसके गोचर से समझा जा सकता है।

ज्योतिष कोई चमत्कार नहीं कर सकता ,केवल आने वाली समय के बारें में आगाह कर सकता है और यदि इसकी सहायता ले जाये तो आने वाली समस्याओं से निपटने के लिए हम बेहतर रूप से तैयारी कर सकते हैं और होने वाली क्षतियों को कम से कम कर सकते हैं।