Vivek Swami

कर्क राशि में बुध का गोचर

बुध का यह राशि परिवर्तन मेष से मीन राशि तक के जातकों को प्रभावित करेगा, चलिए एक-एक करके 12 राशियों पर बुध के राशि परवर्तन का क्या असर होने वाला है उसके बारे में विस्तार से जानते हैं। मेष वर्तमान में बुध स्कूली शिक्षा के भाव में होगा जो कि इस राशि के विद्यार्थियों के …

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रुद्राभिषेक की महिमा

भोलेनाथ सबसे सरल उपासना से भी प्रसन्न होते हैं लेकिन रुद्राभिषेक उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है. कहते हैं कि रुद्राभिषेक से शिव जी को प्रसन्न करके आप असंभव को भी संभव करने की शक्ति पा सकते हैं तो आप भी सही समय पर रुद्राभिषेक करिए और शिव कृपा के भागी बनिए…– रुद्र भगवान शिव का ही …

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शनिश्चरी अमावस्या

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की उदया तिथि अमावस्या और दिन शनिवार है। अमावस्या तिथि 13 मार्च को दोपहर 3 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। उसके बाद फाल्गुन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। शास्त्रों में शनिश्चरी अमावस्या का बड़ा ही महत्व है। इस दिन पितरों की पूजा के साथ ही शनिदेव की पूजा का विशेष रूप …

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सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका

रुद्र अर्थात भूतभावन शिव का अभिषेक। शिव और रुद्र परस्पर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं। शिव को ही ‘रुद्र’ कहा जाता है, क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानी भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं।  हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली से पातक कर्म …

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Maha Shivaratri – the day of convergence of divine powers of Lord Shiva and Goddess Shakti

This is one of the most important legends related to the festival of Mahashivaratri. It tells us how Lord Shiva got married Shakti, his divine consort for the second time. According to legend of Shiva and Shakti, the day Lord Shiva got married to Parvati is celebrated as Shivaratri – the Night of Lord Shiva. …

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महाशिवरात्रि

यह पर्व भगवान शिव, जो कि प्रथम आदिगुरु हैं तथा सत्य और परमानंद के जनक हैं, को समर्पित है। यह वही हैं जिनसे ज्ञान की उत्पत्ति हुई। कुछ किंवदंतियों के अनुसार, भगवान शिव को ब्रह्मांड के रचयिता और विध्वंसक के रूप में भी जाना जाता है। शिवरात्रि वह रात्रि है जिसका शिवतत्त्व से घनिष्ठ संबंध …

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राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने॥

जिस प्रकार भगवान् वेद निरस्त समस्तपुंदोषशंकापंककलंकावकाश तथा भगवन्निश्वास होने से भ्रम, प्रमाद, विप्रलिप्सा, करणापाटव आदि दूषणों से सर्वथा दूर तथा भगवान् की सत्ता में परमप्रमाण  और भगवद्रूप ही हैं उसी प्रकार वेदार्थ के उपबृंहण रूप पुराण, संहिता एवं रामायण, महाभारत में कहे हुए मंत्रद्रष्टा महर्षियों के वाक्य भी वेद ही की भाँति परम प्रामाणिक हैं। …

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गुरु की महिमा

शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है। अर्थात दो अक्षरों से मिलकर बने ‘गुरु’ शब्द का अर्थ – प्रथम अक्षर ‘गु का अर्थ- ‘अंधकार’ …

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जया एकादशी व्रत

पुराणों में माघ महीना को बड़ा ही पुण्यदायी कहा गया है। इस महीने में स्नान, दान, व्रत का फल अन्य महीनों से अध‌िक बताया गया है। इस महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी का महत्व तो ऐसा है ज‌िसका ज‌िक्र करते हुए पद्म पुराण में बताया गया है क‌ि जो व्यक्त‌ि श्रद्धा पूर्वक इस व्रत …

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मंगल का वृषभ राशि में गोचर (22 फरवरी – 14 अप्रैल)

1. मेष राशिवालों का आर्थिक पक्ष मजबूत होगामंगल के राशि परिवर्तन से मेष (Aries) राशिवालों के जो काम अब तक रुके हुए थे वो जल्दी पूरे हो जाएंगे, नए अवसर मिलेंगे जिससे करियर में ग्रोथ होगा और आर्थिक पक्ष भी मजबूत होगा. लेकिन अपने गुस्से और वाणी पर नियंत्रण रखें, पारिवारिक कल से मानसिक अशांति …

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