भारतीय ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। सूर्य से सम्बन्धित नक्षत्र कृतिका उत्तराषाढा और उत्तराफ़ाल्गुनी हैं। यह भचक्र की पांचवीं राशि सिंह का स्वामी है। सूर्य का अयन ६ माह का होता है। ६ माह यह दक्षिणायन यानी भूमध्य रेखा के दक्षिण में मकर वृत पर रहता है, और ६ माह यह भूमध्य रेखा के उत्तर में कर्क वृत पर रहता है। इसका रंग केशरिया माना जाता है। धातु तांबा और रत्न माणिक उपरत्न लाडली है। यह पुरुष ग्रह है।
सूर्य कमजोरी होने की निशानी
आपके पिता और गुरु से नहीं बनेगी. बिना कारण आप क्रोधित रहेंगे और अंहकार आ जाता है. नौकरी चली जाना.हर समय थका हुआ महसूस करना और किसी भी काम करने से पहले आलस महसूस करते हैं. घर में संपति विवाद होना.
जिस तरह घर के मुखिया के कमजोर होने पर घर की स्थिति भी कमजोर होती है उसी तरह कुंडली में सूर्य के कमजोर होने पर अन्य ग्रह भी अच्छे फल नहीं देते। सूर्य के दोषपूर्ण या खराब होने की स्थिति के बारे में संक्षिप्त जानकारी-
कैसे होता सूर्य खराब? :
- घर की पूर्व दिशा दूषित होने से।
- विष्णु का अपमान।
- पिता का सम्मान न करना।
- देर से सोकर उठना।
- रात्रि के कर्मकांड करना।
- राजाज्ञा-न्याय का उल्लंघन करना।
- शुक्र, राहु और शनि के साथ मिलने से मंदा फल।
यदि सूर्य शुभ है तो कांतिमय चेहरे और आंखों वाला व्यक्ति महान राजनीतिज्ञ भी हो सकता है या सरकारी महकमे का कोई बड़ा अधिकारी। सोच-समझकर हित अनुसार गुस्सा करने वाला व्यक्ति न्यायप्रिय होता है।
कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय बताए गए है जिसका इस्तेमाल कर आप अपने बिगड़े काम को काम बना सकते हैं.
सूर्य को मजबूत करने के लिए तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, गुलाब का फूल डालकर भगवान सूर्य की पूजा करें. इससे आपका सूर्य मजबूत होगा. सूर्य ग्रह के दुष्प्रभाव से बचने के लिये अपने बजन के बराबर के गेंहूं, लाल और पीले मिले हुए रंग के वस्त्र, लाल मिठाई, सोने के रबे, कपिला गाय, गुड और तांबा धातु, श्रद्धा पूर्वक किसी गरीब ब्राहमण को बुलाकर विधि विधान से संकल्प पूर्वक दान करना चाहिये।