माघ कृष्ण अमावस्या यानी मौनी अमावस्या को हिंदू धर्म में बेहद खास माना जाता है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देवतागण पवित्र संगम में निवास करते हैं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने वाले व्यक्ति को मुनि पद की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन कुछ उपायों से शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या के दिन करें ये उपाय-
1. मौनी अमावस्या के दिन चींटियों को शक्कर मिलाकर आटा खिलाना चाहिए। ऐसा करने से पाप-कर्म कम होते हैं और पुण्य-कर्म उदय होते हैं।
2. मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद आटे की गोलियां बनाएं। आटे की गोलियों को मछलियों को खिलाना शुभ होता है। ऐसा करने से आपके जीवन की परेशानियों का अंत होता है।
3. मौनी अमावस्या के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए सुबह स्नान करने के बाद चांदी से बने नाग-नागिन की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद सफेद पुष्प के साथ बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।
4. शाम के वक्त घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
इसके अलावा यह दिन विशेष-पूजन आदि के लिए भी जाना जाता है. खास तौर पर ग्रह-नक्षत्र शांति और कई तरह के दोष निवारण के लिए मौनी अमावस्या को उपाय किए जा सकते हैं. अगर आप भी पितृ दोष से ग्रसित हैं और इससे जूझ रहे हैं तो मौनी अमावस्या को ये उपाय जरूर करें.
- घर की दक्षिण दीवार पर दिवंगत पूर्वज की तस्वीर लगाएं और पूरे सम्मान के साथ उनकी पूजा करें.
- पितरों की पूजा के बाद उनके नाम से किसी ब्राह्मण या ज़रूरतमंद व्यक्ति को दान आदि दें.
- अपने पितरों का ध्यान करते हुए पीपल पर दूध, गंगा जल, जल, काले तिल, चीनी, चावल, पुष्पादि चढ़ाते हुए “ॐ पितृभ्यः नमः” मंत्र का जाप करें.
- महामृत्युंजय मंत्र या पितृ स्तोत्र, रूद्र सूक्त या, नव ग्रह स्तोत्र का पाठ करें, कुल देवता और इष्ट देव की सदैव पूजा करते रहें। पितृ दोष शांत होगा.
- अमावस्या को पितृस्तोत्र या पितृसूक्त का पाठ करना चाहिए, विष्णुसहस्रनाम का पाठ भी करने से पितृ दोष दूर होता है.
मौनी अमावस्या के दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कपड़े, गर्म वस्त्र, कंबल और जूते दान करने का विशेष महत्व है। कहते हैं कि जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच का होता है, उन्हें इस दिन दूध, चावल, खीर, मिश्री और बताशा दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। अमावस्या पर नकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करने वाले कार्यों से दूर रहना चाहिए. इस दिन रात्रि में यात्रा करने से बचना चाहिए. उन स्थानों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए जहां पर नकारात्मक ऊर्जा का खतरा बना रहता है. इस दिन कलह, विवाद और क्रोध से भी बचना चाहिए.