गुप्त नवरात्रि

हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। गुप्त नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि तंत्र-मंत्र को सिद्ध करने वाली माना जाता है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा की उपासना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। इस बार नवरात्रि पर बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। सर्वार्थसिद्धियो, त्रिुपष्कर अमृतसिद्धि और राजयोग रहेंगे। इन दस दिनों में एक तरफ मां की पूजा अर्चना विशेष फलदायी रहेगी, वहीं इन दिनों में इन शुभ योगों के कारण कोई भी मंगलकार्य शुरू हो सकते हैं। इसके अलावा इन 10 दिनों में भवन, वाहन आदि की खरीददारी भी शुभ रहेगी। अगर आप भी गुप्त नवरात्रि पर पूजा कर रहे हैं तो प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना सुबह 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक होगी। इस दौरान माता के पूजा अर्चना विशेष फलदायी है।

गुप्त नवरात्रि में सात्विक और तांत्रिक पूजा की जाती है। गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना को गुप्त रखा जाता है। कहते हैं कि ऐसा करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और फल दोगुना मिलता है। गुप्त नवरात्रि के दौरान विवाह, नौकरी आदि संबंधित कई उपाय भी किये जाते हैं। इस साल माघ गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू हो रहे हैं। जानिए इन उपायों के बारे में-

  1. संतान प्राप्ति के लिए- गुप्त नवरात्रि के दौरान संतान प्राप्ति के लिए 9 दिन मां दुर्गा को पान का पत्ता अर्पित करना चाहिए। पान का पत्ता कटा-फटा नहीं होना चाहिए। पूजा के दौरान नन्दगोपगृह जाता यशोदागर्भ सम्भवा ततस्तौ नाशयिष्यामि विन्ध्याचलनिवासिनी मंत्र का जाप करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से मनोकामना पूरी होती है।
  2. नौकरी की समस्या के लिए- नौकरी या जॉब में किसी तरह की समस्या आ रही है तो गुप्त नवरात्रि के दौरान 9 दिन तक मां दुर्गा को बताशे पर रखकर लौंग अर्पित करनी चाहिए। इस दौरान सर्वबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वित: मनुष्यो मत्प्रसादेने भविष्यति ना संशय: मंत्र का जाप करना चाहिए।
  3. खराब सेहत के लिए- खराब सेहत से छुटकारा पाने के लिए 9 दिन तक देवी मां को लाल पुष्प अर्पित करना चाहिए। इस दौरान ऊं क्रीं कालिकायै नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति स्वस्थ होता है।
  4. कर्ज से मुक्ति पाने के लिए- कर्ज या किसी वाद-विवाद से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इसके लिए 9 दिन तक देवी मां के सामने गुग्गल की सुगंध वाला धूप जलाएं। ऐसा करने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है। इस दौरान ऊं दुं दुर्गाय नम: का जाप करना चाहिए।
  5. विवाह के लिए- अगर विवाह में कोई बाधा आ रही है तो पूरे 9 दिन पीले फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए। इस दौरान कात्यायनी महामाये, महायोगिनयधीश्वरी नन्दगोपसुतं देवी, पति में कुकू ते नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।

दुर्गा सप्तशती का ऐसे करें पाठ-

  1. दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  2. दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सबसे पहले स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
  3. बैठने के लिए कुशा के आसन का प्रयोग करना चाहिए, अगर आपके पास कुशा का आसन नहीं है तो ऊन के बने हुए आसन का प्रयोग कर सकते हैं।
  4. पाठ शुरू करने से पहले गणेश जी एवं सभी देवगणों को प्रणाम करें। माथे पर चंदन या रोली का तिलक लगाएं।
  5. लाल पुष्प, अक्षत एवं जल मां को अर्पित करते हुए पाठ का संकल्प लें।
  6. इसके बाद पाठ को आरंभ करने से पहले उत्कीलन मंत्र का जापकरें। इस मंत्र को आरंभ और अंत में 21 बार जप करना चाहिए।
  7. इसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करते हुए पाठ का आरंभ करें। इस तरह से मां दुर्गा सप्तशती का पाठ करने पर सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।