बसंत पंचमी

भारत में त्यौहारों का देश है और हिन्दु पूरे वर्ष धार्मिक और सामाजिक तरह के त्यौहार मना कर खुशियां मनाते रहते हैं। भारत में कुछ त्यौहार ऐसे भी हैं जो पूरे भारत में मनाए जाते हैं जो किसी एक राज्य तक सीमित नहीं हैं। वहीं बसंत पंचमी का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाने वाला त्यौहार है जिसे श्री पंचमी और सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस त्यौहार का अपना सामाजिक महत्व होने के साथ धार्मिक महत्व भी है। इस त्यौहार के नाम से ही जाहिर है यह त्यौहार पूरी तरह देवी सरस्वती को समर्पित है। पूरे भारत में इस दिन को विद्या और बुद्धि की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

पुराणों में वर्णित एक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने देवी सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि बसंत पंचमी के दिन तुम्हारी आराधना की जाएगी। वसंत पंचमी को लेकर देश के हर भाग में ही रौनक देखी सकती है। ज्‍यादातर जगह के स्‍कूलों व कॉलेजों के अलावा घरों में भी विद्या की देवी की आराधना की जाती हैं। प्राचीन समय से ही बसंत पचंमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था इसलिए लोग इसे पर्व के रूप में मनाते हैं।



बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान करके मां सरस्वती की पूजा सच्चे मन से करनी चाहिए। इस दिन  कई जगहों पर मां सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना भी की जाती है और अगर हो सके तो सरस्वती मां की उस पूजा में जरुर हिस्सा ले सकते हैं। सरस्वती मां को विद्या की देवी कहा जाता है जिसपर भी मां सरस्वती की कृपा होती है वह व्यक्ति निश्चित ही विद्यावान होता है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार मां सरस्वती को संगीत की देवी भी कहा जाता है और जो लोग अच्छा गाते है उन्हें अक्सर लोग कहते है उस व्यक्ति के कन्ठ पर माँ सरस्वती स्वय विराजती है। इस बार बसंत पंचमी के मौके पर विधिवत पूजा करे और जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त ।



सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 17 मिनट से शुरू हो जाएगा. यह मुहूर्त करीब 5 घंटे और 15 मिनट तक रहेगा यानी दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर देवी सरस्‍वती की आराधना का शुभ मुहूर्त समाप्त हो जाएगा।



बसंत पंचमी के दिन नवयौवनाएं और स्त्रियां पीले रंग के परिधान पहनती हैं. गांवों-कस्बों में पुरुष पीला पाग (पगड़ी) पहनते है. हिन्दू परंपरा में पीले रंग को बहुत शुभ माना जाता है. यह समृद्धि, ऊर्जा और सौम्य उष्मा का प्रतीक भी है. इस रंग को बसंती रंग भी कहा जाता है. भारत में विवाह, मुंडन आदि के निमंत्रण पत्रों और पूजा के कपड़े को पीले रंग से रंगा जाता है।



बसंत पंचमी के दिन कुछ खास मिठाइयां और पकवान बनाये जाते हैं. इस दिन बंगाल में बूंदी के लड्डू और मीठा भात चढ़ाया जाता है. बिहार में मालपुआ, खीर और बूंदिया (बूंदी) और पंजाब में मक्‍के की रोटी के साथ सरसों साग और मीठा चावल चढाया जाता है।